# **दशमा व्रत 2025: पूजा विधि, महत्व, शुभ मुहूर्त और कथा**
## **प्रस्तावना**
दशमा व्रत (या दशा माता व्रत) हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण व्रत है, जो मां दुर्गा के दशमी स्वरूप को समर्पित है। यह व्रत विशेष रूप से **चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि** को मनाया जाता है। 2025 में यह व्रत **24 मार्च, सोमवार** को रखा जाएगा। इस व्रत को करने से घर की दशा सुधरती है, ग्रहों की प्रतिकूलता दूर होती है, और सुख-समृद्धि आती है ।
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## **दशमा व्रत 2025 की तिथि और शुभ मुहूर्त**
- **तिथि:** 24 जुलाई 2025 ( बुधवार)
- **दशमी तिथि प्रारंभ:** 24 जुलाई, सुबह 05:39 बजे
- **दशमी तिथि समाप्त:** 03 अगस्त , सुबह 05:05 बजे
- **पूजा का शुभ समय:**
- सुबह 06:20 से 07:52
- 09:24 से 10:56
- दोपहर 12:03 से 12:52
- शाम 03:31 से 06:35
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## **दशमा व्रत का महत्व**
- यह व्रत **मां लक्ष्मी और मां पार्वती** के स्वरूप को समर्पित है।
- घर की नकारात्मक ऊर्जा दूर करता है और धन-धान्य बढ़ाता है।
- विशेष रूप से **सुहागिन महिलाएं** इसे अपने पति की लंबी आयु और परिवार की खुशहाली के लिए करती हैं।
- **पीपल के वृक्ष की पूजा** का विशेष महत्व है, क्योंकि इसे भगवान विष्णु का स्वरूप माना जाता है ।
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## **दशमा व्रत की पूजा विधि (Step-by-Step Guide)**
### **1. सुबह की तैयारी**
- प्रातः जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- व्रत का संकल्प लें: *"मैं दशा माता व्रत रखकर परिवार की सुख-समृद्धि की कामना करता/करती हूं।"*
### **2. पीपल वृक्ष की पूजा**
- पीपल के पेड़ के नीचे **हल्दी, चंदन, फूल, अक्षत** चढ़ाएं।
- **कच्चे सूत के धागे में 10 गांठें** लगाकर पेड़ पर लपेटें और 3 परिक्रमा करें ।
### **3. डोरा धारण करना**
- पूजा के बाद इस धागे को **गले या कलाई** में बांधें (इसे "दशा माता का डोरा" कहते हैं)।
- मान्यता है कि यह डोरा बुरी नजर और संकटों से बचाता है ।
### **4. कथा श्रवण**
- **राजा नल और रानी दमयंती की कथा** सुनें (इसका विशेष महत्व है)।
- कथा सुनने के बाद ही भोजन ग्रहण करें ।
### **5. भोजन और दान**
- इस दिन **नमक रहित सात्विक भोजन** करें।
- **झाड़ू, हल्दी, कुमकुम** खरीदकर दान करना शुभ माना जाता है ।
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## **दशमा व्रत के नियम**
- इस दिन **नमक का सेवन न करें**।
- झूठ बोलने या किसी का दिल दुखाने से बचें।
- पूजा के बाद **घर के मुख्य द्वार पर हल्दी-कुमकुम के छापे** लगाएं ।
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## **10 देवियों में दशमा (सिद्धिदात्री) का विशेष महत्व**
नवरात्रि की दसवीं देवी **सिद्धिदात्री** हैं, जो सभी सिद्धियों को देने वाली मानी जाती हैं। इनकी पूजा से:
- आठ सिद्धियां और नौ निधियां प्राप्त होती हैं।
- जीवन के सभी कष्ट दूर होते हैं।
- आध्यात्मिक और भौतिक सुख की प्राप्ति होती है ।
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## **निष्कर्ष**
दशमा व्रत 2025 में **24 मार्च** को मनाया जाएगा। यह व्रत घर की दशा सुधारने, धन-समृद्धि बढ़ाने और ग्रह दोष दूर करने में सहायक है। पीपल की पूजा, डोरा धारण करना और कथा श्रवण इसके प्रमुख अनुष्ठान हैं। अगर आप भी इस व्रत को रखने की योजना बना रहे हैं, तो उपरोक्त विधि का पालन करें और मां दुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त करें।
**जय माता दी!** 🙏
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*स्रोत: विभिन्न धार्मिक ग्रंथ और पंचांग*