तिजारी, इकतरा और आधासीसी (सिरदर्द) झाड़ने का मन्त्र
'ॐ कामर देश कामक्षा देवी, तहाँ बसे इस्माईल जोगी । इस्माईल जोगी के तीन पुत्री, एक रोल, एक पक्षीले एक ताप तिजारी इकतरा अथवा आधा सीसी टोरे उतरे तो उतारो चढ़े तो मारो । ना उतरे तो गं गण मोर हंकारी । सबद सांचा, पिंड कांचा । फुरो मंत्र ईश्वरो वाचा उपरोक्त मंत्र का उच्चारण करते हुए मोर पंख से
झाड़ना चाहिए।
* आवश्यक सूचना * तन्त्र मन्त्र अपने कार्य की सिद्धि के लिये हैं, न कि उनसे अनु चित लाभ उठाया जावे। पुस्तक में बहुत से उपयोगी तन्त्र मन्त्र दिये गये हैं फिर भी हमारी उसकी कोई जिम्मेदारी नहीं है। जिस प्रकार कुआँ या तालाब जल पीने के लिये होता है न कि उसमे डब कर आत्महत्या की जावे या उससे किसी का अनिष्ट किया जावे।
यह पुस्तक सर्व के कल्याण उपयों द्वारा किर भी कोई कुरी प्रकृति का गुण के लिये प्रकाशित की गई है किसी का अनिष्ट करे या और कोई अनुचित उपाय अपनाये तो उसमें हमारा क्या दोष है ?
पुस्तके लिखिता विद्या सादरं यदि जप्यते, सिद्धिनं जायते तस्य कल्प कोटि शर्तेरी । गुरुं विनापिशास्त्रेऽस्मिन्नाधिकारः कथेचन् ।।
अर्थ- जो व्यक्ति केवल पुस्तक लिखित विषय को देखकर ही मन्त्र जप आरम्म करके सिद्ध होना चाहते हैं, वह कभी भी सिद्ध को प्राप्त नहीं कर पाते, क्योंकि कामाक्षा मन्त्र अथवा मन्त्र शास्त्र की सिद्धि का अधिकार गुरु के समीप ही लाभार्थ माना गया है । अतः बिना गुरु के सिद्धि नहीं मिलती। इसलिये गुरु के उप देशानुसार ही कार्य को प्रारम्भ करना योग्य है ।
वैसे तो आज का यूग वैज्ञानिक व यन्त्रों का युग है ऐसे तन्त्र मन्त्र का नहीं, फिर भौ जिनका विश्वास है उनको फल मिलता ही है।