Valentine Day Special: सबसे ज़्यादा याद आने वाली Love Stories ( Hindi) 2020

  1. लेकिन इस महीने में बनी यादें सबसे लंबे वक्त तक साथ रह जाती है अपने साथ हल्की गुनगुनी धूप लाने वाला यह महीना कई प्रेम कहानियां भी साथ लेकर आता है
  2. प्यार के इस मौसम में आज नजर आते हैं ऐसी ही कुछ अमर प्रेम कहानियों पर जिन की मिसाल है अक्सर प्यार में डूबे आशिक देते हैं सबसे पहले उनकी कहानी जिनकी प्यार की निशानी को देखने आज भी दुनियाभर के लोग भारत आते हैं

  3.   जी हां हम बात कर रहे हैं शाहजहां और मुमताज महल की इनके प्यार की निशानी ताजमहल पूरे जहां को प्यार की दास्तां 1612 में एक कम उम्र की लड़की की शादी मुगल साम्राज्य की 15 साल के राजकुमार शाहजहां से हुई शादी के बाद अर्जुन बानो का नाम मुमताज महल हो गया और शाहजहां मुमताज की मौत हुई
  4. तो शाहजहां याद में सफेद संगमरमर से ताजमहल बनाना शुरू किया प्यार की निशानी को पूरा करने में पूरे 20 साल बाद में शाहजहां की मौत के बाद उन्हें भी ताज महल के भीतर मुमताज की कब्र के पास ही दफन किया गया प्यार की दूसरी कहानी भी उठाते हैं
  5. यह कहानी है मुगल सम्राट अकबर के बेटे सलीम और अनारकली के बीच कहा जाता है कि सलीम और अनारकली के बीच हुआ था 
  6. इसकी भनक लगी तो उन्होंने सलीम को अनारकली से दूर करने की हरसंभव कोशिश की इन कोशिशों से तंग आकर सलीम ने अपने पिता के खिलाफ बगावत कर दी मौत की सजा सुनाई गई

  7.  अनारकली ने आकर सलीम की जगह अपने लिए मौत सुनी और फिर अनारकली को जिंदा ही दीवार में चुनवा दिया गया पृथ्वीराज चौहान की प्रेम कहानी भी बेहद निराली है ऋतुराज को अपने दुश्मन कन्नौज के राजा जयचंद की बेटी संयुक्ता से प्यार हो गया जब यह खबर जयचंद को लगी तो उन्होंने गुस्से में संयुक्ता का स्वयंवर रचाया और पृथ्वीराज को नीचा दिखाने के लिए दरबार के बाहर एक पुतला बनवा दिया इस स्वयंवर में कई राजकुमार आए लेकिन संयुक्ता ने भी सभी को छोड़कर उस पुतले को माला पहना दी उसी पुतले के पीछे पृथ्वीराज पहले से बैठे थे भरे दरबार में सबके सामने संयुक्ता को लेकर भाग गए

  8.  इस सूची में आखिरी कहानी के साथ विज्ञान को भी लेकर आती है और यूनिवर्सिटी छात्र के लिए बात है जब मैरी क्यूरी नामक एक यूनिवर्सिटी छात्रा पढ़ने के लिए परिष्कृत लाइब्रेरी 1 दिन लाइव के डायरेक्टर पियरी की नजर मेरी पर पड़ी और उनकी लगन को देखकर दीवाने हो गए पियरी के सामने शादी के कई प्रस्ताव रखें और आखिरकार दोनों ने शादी की और साथ में विज्ञान के क्षेत्र में काम करने लगे क्यूरी दंपति को रेडियोएक्टिविटी के आविष्कार के लिए नोबेल पुरस्कार भी दिया गया 1904 मैरी क्यूरी का निधन हो गया लेकिन मैरी क्यूरी अपने पति के अधूरे काम को पूरा करती रही और फिर साल 1911 में उन्हें और नोबेल पुरस्कार मिला दो बार नोबेल पुरस्कार पाने वाली पहली महिला 

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