जय जय जय दशामाँ । जय जय जय दशामाँ । तेरी स्तुति, भजन किर्तन जो श्रध्या से गावै, सारे दुःख दुर हों पल

जय जय जय दशामाँ । जय जय जय दशामाँ । तेरी स्तुति, भजन किर्तन जो श्रध्या से गावै, सारे दुःख दुर हों पल में मन वांच्छित फल पावै, पुत्र रत्न देती बाँझिन को, निर्धन को धन देती, - दुर्बल को बलवान करे, रोगी का रोग हर लेती । जय जय जय दशामाँ ! जय जय जय दशामाँ ! निशदिन ध्यान धरो मैया का सदा नाम का जाप करो, जन्म - जन्म के दुःख मिट जाएँ बिन प्रयास भव सिंधु तरो, जय जय जय दशामाँ ! जय जय जय दशामाँ !

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