प्रसादइस प्रकार व्रत की विधिकरने के

प्रसाद

इस प्रकार व्रत की विधिकरने के

बाद सबको जय दशामाँ कहकर प्रसाद बाटे । प्रसादमें सवासो ग्राम लापसी, लड्डु या फीर चावल-घी- गुड का भोग धराएं । उसी को प्रसाद के रुप में बांटे, अखंड दिया जलाएं, उपवास रखे, आरती - थाल-भजन-कीर्तन इत्यादि गाए, रात को बाराह बजे तक रात्रि जागरण करे। बाद में माँ दशामाँ का नाम जपते जपते सो जाए।

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