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DASHAMA VARAT 2025

Dahsama ka var 25 julay 2025 ko hai

दशामाँ व्रत-पूजनविधि Dashama varta 2025

दशामाँ व्रत-पूजनविधि व्रत का समय : प्रत्येक वर्ष आषाढ़ वदी अमावस की जो दिवस के दिन से प्रसिद्ध है उस दिन स्नान करके दशामाँ का व्रत लेना चाहिये । पूरे दस दिन व्रत करने के बाद श्रावण सुदी दसमी अथवा एकादशी के दिन दशामाँ के व्रत का समापन करना चाहिये । दशामाँ के व्रतकी पूजनविधि : जिन्हों ने इस व्रत को लिया है, वे अषाढ वदी अमावास्या के दिन प्रातःकाळ स्नान करके स्वच्छ होकर मनमें 'जय जशामाँ' 'जय दशामाँ' का जाप करें और दशामाँ का ध्यान धरें । एक पाट पर लाल वस्त्र विछाकर उसके उपर दशामाँ की मूर्ति या तस्वीर का स्थापन करें । यदि मूर्ति या तस्वीर न हो तो मन में दशामाँ का संकल्प करके स्थापना करें । सांढणी (ऊँटनी) दशामाँ का वाहन है। इस लिये मीट्टी की एक सांढणी बनाकर पटा पर रखें। फिर कच्चे सूत के दस तार लेकर उसे कुमकुममें डुबो कर उसकी दस गाँठें बाँधे और तांबे के कलश पर लपेट दें। धागे के दूसरे नौ तार लेकर और एक तार अपने वस्त्र का लेकर उसका डोरा वनाकर कंकु में डुबोकर अपने दाहिने हाथ पर बाँधे । इसके बाद धूपदीप कर खूब श्रद्धासे माँ की कथा सूनें। कथा पूरी होने पर जय दशामाँ जय दशामाँ इस तरह ए...

The Story of Nala-Damayanti | नल-दमयंती की कथा | DASHAMA varta 2025

The Story of Nala-Damayanti प्राचीन काल में नैषध नामका एक सुंदर नगर था। उस देश का राजा नल अत्यंत स्वरूपवान था। प्रजा में भी वह बहुत प्रिय था। नल की पत्नि दमयंती अत्यंत सुंदर, गुणवान और संस्कारी थी। उसे वरदान था कि वह जब भी अपने दाहिने हाथ से मृत जीव को स्पर्श करेगी तो वह मृत शरीर जीवित हो उठेगा। सरिता के तट पर राजाने एक सुंदर महल का निर्माण किया था। सारा दिन राजा राज्य की कार्यधुरा में जुटा रहता था। सायंकाल को वह विश्राम के लिये इस महल में लौटता था। एक समय की बात है, राजा नल प्रातः नहा-धोकर वस्त्रालंकार से सुसज्जित होकर दरबार में गया। रानी दमयंती महल की खिडकी के पास बैठकर बाहर सरोवर का अवलोकन कर रही थी। उसने देखा कि सरोवर के किनारे कुछ स्त्रियाँ श्रृंगार सज कर हाथ में पूजा की थाली लिये पूजा कर रही थी। दमयंती को कुतुहल हुआ कि वे क्या कर रही थी। उसने अपनी दासी को इसका पता लगाकर आने को कहा। दासी सरोवर किनारे गई और एक स्त्री को पछा, "हमारी रानी जानना चाहती है कि आप क्या कर रही है।" वह स्त्री बोली, "आज दशामाँ का दिन है। हम दशामाँ का डोरा बाँध रहे हैं।" दासी दमयंती के पास...

दशामाँ की व्रत कथा

दशामाँ की व्रत कथा प्राचीन काल में कर्णावती नामक एक नगरी थी। उसका राजा कर्णदेव अहंकार और भोगविलास में व्यस्त रहता था। वह जितना अभिमानी था उतनी ही उसकी पत्नि कमलावती सुशील थी. जब कि कर्णदेव नास्तिक था, कमलावती को भगवान में अपार श्रद्धा थी। वह भगवान की भक्ति में मग्न रहती थी। रानी कमलावती ने कर्णदेव को अनेक बार समझाया कि अभिमान बुरी चीज है। इन्सान को धार्मिक कार्य में ध्यान पिरोना चाहिये। सुख और वैभव क्षणिक है। आज है कल नहीं। परंतु राजा तो रानी की बातों पर गौर करने के बजाय भोगविलास में ज्यादा मस्त रहता था। शराब और शबाब में उसने अपनी सारी जिंदगी डुबो दी थी। एक दिन रानी सरोवर के किनारे आये हुए अपने महल के झरोखे में खड़ी थी। उसने सामने एक मंदिर में कुछ स्त्रियों को व्रत करते हुए देखा। उसने दासी को बुलाया और वे स्त्रियाँ क्या करती थी उसकी जानकारी लेकर वापस आने को कहा। थोडी देर के बाद दासी जानकारी लेकर वापस आई और रानी से कहा, "वे स्त्रियाँ दशामाँ का व्रत कर रही है।" रानीने पूछा, "तुने यह जाना कि यह व्रत कैसे करते है ?" "हाँ उन्हों ने कहा कि जिसे व्रत करने की इच्छा हो,...

Jay Dashama

Jay Dashama JAY dahsama vart 2025me  hai es sal Dashama vart visarjan ke liye pani ki kami nahi hone vali hai agar jis jagah me pani kami ho vaha par aap ek bade satenkar pani lekar ek jagah store kar ke us me visarjan visarjan kar sakte ho  JAY Matadi Jay dashama 

Dashama photos 2025

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DASHAMA murti online odar

Jay dashama 24 julay 2025

Online murti Dashama

JAY Dashama  JAY Dashama sahi bhai or bahan ko es sal Dashama ka var 24 julay se chalu hone vale hai  Aap hamare dhara online murti odar kar sakte ho  Delevery by Bas  Rajasthan  Gujarat  Mp Delevery coriyar  Dilli  Maharashtra  Hariyana  All India  Online coriyar me Murti ki demez hone par koi garent  nahi rahe gi Ha sahi tarike se pes kar ke bejte hai lekin kisi pakar se coriyar me delevery ke samay demez ho jaye uski ko garent nahi  Thanks 😊 👍 

DASHAMA Ni MURTI

Dashama murti online julay 24  Jay mata Di sabhi ko hamare yaha par online murti milti hai jisme rajeshan or gujarat MP Maharashtra Dilli es sabhi jagah par online murti ke odar liye jate hai  DASHAMA sab alag alag Parkar kinmurti hamare yaha par avilable hai

DASHAMA online murti odar

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दशमा व्रत 2025: घर की दशा सुधारने का पावन पर्व

## दशमा व्रत 2025: घर की दशा सुधारने का पावन पर्व > **"दशमी तिथि को दशा माता का व्रत रखने से दसों दिशाओं से घर में धन-धान्य, सुख-शांति और समृद्धि आती है"** - पौराणिक मान्यता  हिंदू धर्म में **दशमा व्रत (दशा माता व्रत)** का विशेष स्थान है। यह व्रत मुख्य रूप से **सुहागिन महिलाएं** अपने परिवार की सुख-समृद्धि, पति की दीर्घायु और घर की बिगड़ी दशा सुधारने के लिए करती हैं। चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि को मनाए जाने वाले इस व्रत में **पीपल के वृक्ष की पूजा** और **कच्चे सूत के डोरे** का विशेष महत्व है। आइए जानें 2025 में इस व्रत की सम्पूर्ण जानकारी। --- ### ⭐ दशमा व्रत 2025: तिथि व शुभ मुहूर्त   2025 में दशमा व्रत **24 मार्च, सोमवार** को मनाया जाएगा। दशमी तिथि का समय इस प्रकार है:   - **आरंभ**: 24 मार्च सुबह 05:39 बजे   - **समाप्त**: 25 मार्च सुबह 05:05 बजे    पूजा के लिए **शुभ मुहूर्त**:   - 06:20 AM से 07:52 AM   - 09:24 AM से 10:56 AM   - 12:03 PM से 12:52 PM   - 03:31 PM से 05:03 PM   - 0...

दशामा व्रत 2025

दशामा व्रत 2025: समृद्धि और सुख का दिव्य संकल्प (एक सरल और पारंपरिक मार्गदर्शिका) परिच य नमस्कार दोस्तों! आज हम बात करेंगे गुजरात की शक्तिशाली परंपरा "दशामा व्रत" की, जो 2025 में भक्तों को माँ दशामा के आशीर्वाद से जोड़ेगी। यह व्रत सिर्फ उपवास नहीं, बल्कि आस्था, संयम और नई शुरुआत का प्रतीक है। चलिए, जानते हैं कि 2025 में यह व्रत क्यों खास है और आप इसे कैसे मना सकते हैं। ## दशमा व्रत 2025: घर की दशा सुधारने का पावन पर्व   > **"दशमी तिथि को दशा माता का व्रत रखने से दसों दिशाओं से घर में धन-धान्य, सुख-शांति और समृद्धि आती है"** – पौराणिक मान्यता   ### 🌸 परिचय: क्यों खास है यह व्रत?   हिंदू धर्म में **दशमा व्रत (दशा माता व्रत)** का विशेष स्थान है। यह व्रत मुख्य रूप से **सुहागिन महिलाएं** अपने परिवार की सुख-समृद्धि, पति की दीर्घायु और घर की बिगड़ी दशा सुधारने के लिए करती हैं। चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि को मनाए जाने वाले इस व्रत में **पीपल के वृक्ष की पूजा** और **कच्चे सूत के डोरे** का विशेष महत्व है। मान्यता है कि इससे ग्रहों की प्रतिकूल दशा शांत ह...

दशमा व्रत 2025: पूजा विधि, महत्व, शुभ मुहूर्त और कथा

# **दशमा व्रत 2025: पूजा विधि, महत्व, शुभ मुहूर्त और कथा**   ## **प्रस्तावना**   दशमा व्रत (या दशा माता व्रत) हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण व्रत है, जो मां दुर्गा के दशमी स्वरूप को समर्पित है। यह व्रत विशेष रूप से **चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि** को मनाया जाता है। 2025 में यह व्रत **24 मार्च, सोमवार** को रखा जाएगा। इस व्रत को करने से घर की दशा सुधरती है, ग्रहों की प्रतिकूलता दूर होती है, और सुख-समृद्धि आती है ।   --- ## **दशमा व्रत 2025 की तिथि और शुभ मुहूर्त**   - **तिथि:** 24 जुलाई 2025 ( बुधवार)   - **दशमी तिथि प्रारंभ:** 24 जुलाई, सुबह 05:39 बजे   - **दशमी तिथि समाप्त:** 03 अगस्त , सुबह 05:05 बजे   - **पूजा का शुभ समय:**     - सुबह 06:20 से 07:52     - 09:24 से 10:56     - दोपहर 12:03 से 12:52     - शाम 03:31 से 06:35    --- ## **दशमा व्रत का महत्व**   - यह व्रत **मां लक्ष्मी और मां पार्वती** के स्वरूप को समर्पित है।  ...

दशमा व्रत 2025: पूरी जानकारी, महत्व और पूजा विधि

# **दशमा व्रत 2025: पूरी जानकारी, महत्व और पूजा विधि**   ## **प्रस्तावना (Introduction)**   दशमा व्रत हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण व्रत माना जाता है, जो मां दुर्गा के दशमी स्वरूप को समर्पित है। यह व्रत विशेष रूप से नवरात्रि के दशमी तिथि (दशहरा) को मनाया जाता है। 2025 में दशमा व्रत का विशेष महत्व होगा, क्योंकि इस दिन मां दुर्गा की कृपा पाने का शुभ अवसर मिलता है। इस लेख में हम आपको दशमा व्रत 2025 की पूरी जानकारी, पूजा विधि, महत्व और पात्रता के बारे में बताएंगे।   ---   ## **दशमा व्रत क्या है? (What is Dashama Vart?)**   दशमा व्रत, जिसे दशमी व्रत भी कहा जाता है, हिंदू पंचांग के अनुसार आश्विन माह की दशमी तिथि को मनाया जाता है। यह व्रत मां दुर्गा के दसवें स्वरूप (सिद्धिदात्री) की पूजा के लिए किया जाता है।   ### **दशमा व्रत 2025 की तिथि और मुहूर्त**   - **दशमा व्रत तिथि:** 3 अक्टूबर 2025 (शनिवार)   - **दशमी तिथि प्रारंभ:** 2 अक्टूबर 2025, शाम 06:42 बजे से   - **दशमी तिथि समाप्त:** 3 अक्टूबर 2025, शाम 05:...

दशामा व्रत 2025: समृद्धि, संतान सुख और मनोकामना पूर्ति का पावन पर्व

## दशामा व्रत 2025: समृद्धि, संतान सुख और मनोकामना पूर्ति का पावन पर्व   **(A Complete Guide in Simple Hindi)** --- ### परिचय: क्या है दशामा व्रत?   दोस्तों, गुजरात और राजस्थान समेत पूरे पश्चिमी भारत में **"दशामा व्रत"** माँ अंबे के एक रूप **दशामा माता** को समर्पित एक अत्यंत महत्वपूर्ण व्रत है। यह व्रत विशेषकर **संतान प्राप्ति, पारिवारिक समृद्धि और बुरी नज़र से बचाव** के लिए किया जाता है। 2025 में यह व्रत और भी खास होने वाला है! अगर आप भी इस पावन व्रत के बारे में जानना चाहते हैं, तो यह आर्टिकल आपके लिए ही है। --- ### दशामा व्रत 2025: तिथि, महत्व और खास बातें   - **2025 में तिथि**: चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की दशमी (हिंदू कैलेंडर के अनुसार)।     **अनुमानित तारीख**: 24 जुलाई 2025 (मंगलवार)।     *नोट: स्थानीय पंचांग देखकर तिथि की पुष्टि जरूर करें।* - **क्यों है खास?**     - मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने से **माँ दशामा की विशेष कृपा** मिलती है।     - **निसंतान दंपतियों** के लिए यह व्रत चमत्कारी माना जात...

DASHAMA व्रत 2025 की पूरी जानकारी

DASHAMA व्रत 2025 की पूरी जानकारी  DASHAMA vart 2025" in hindi (Write like an bumenwritten tone) Add multiple headings, bullet point & More - Structure of article - Do not add unnncesurry tings, 1st add intro, then heading and details about the keyword, then apply process, then imp doc, then Eligibility Criteria and more if needed related to Aarti and thar new kahani We are writing an article in Hindi about "Dashama Vart 2025" in a human-written tone, SEO-friendly.  Structure:   1. Introduction 2. What is Dashama Vart? (Details about the keyword) 3. How to observe Dashama Vart? (Apply process) 4. Important documents and things required (Imp Doc) 5. Eligibility Criteria (Who can observe?) 6. Significance of Aarti during Dashama Vart 7. The new story (Nayi Kahani) associated with Dashama Vart 8. Conclusion We'll use headings, bullet points, and keep the language simple and engaging. Note: Since the user asked for Hindi, we'll write the entire article...

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-निराला है आज का यार प्रति नूर बरसाने वाला वाला है उस्का याह अवसार बड़ा निराला है आज का यार नूर बरसाने वाला वाला है एक बर जोर्दन तालियां बाजा दे कर्यकराम कब कुरु होन वाला है  वो दोस्‍ते जयराम कांकेर शूरू हो गया है प्रताप की जय हो। aur doston Jab karykram Mein Hamare मुख्य अतिथि पहूंचे  Hamare mukhya Atithi Jab Aaye To unke to Swagat ke liye  Bheem aapke liye ek shayari Leiyar Aaya Hun Ki Kahate Hain Ki vah a gaye Din Ka Inteza r tha Aha Hamushon keushushon ke keushhi दीया जलाने आज के मुहब्बत के लिए स्वगीत में लोग जोर्डन तालियान बाजा दे शायरी गम का फुल हो गया, खूशाली आयेगी गम का फुल है , खूशाली आयेगी हर हर प्रस्तर की प्रति जगारियां तालियां बजाएगी, जैसे गीतों की प्रस्तुति दी गई।  तराह की शायरी बोल सक्ते हैं , थोडा सा प्यार थोडी सी दुआएं पात किजीये थोडा सा प्यार थोडी सी दुआएं एते किजीये इने बचनें के लिय जदरिया कलियार बाजा बाजी तैं कजर दानी को कोन है।  एही आपनी कादर दानी को तोर ना चाही अगार प्रस्सुति पासंद मैं हो के तलैयन बाजै इस्के खराब आके ली...

LOVE STORY AND SHAYRI

मीठे बोल बोलिए क्योंकि अल्फाजों होती है मीठे बोल बोलिए || क्योंकि अल्फाजों में जान होती है इन्हीं  आरती अरदास और अजान || होती है यह समुंदर के वह मोती हैं जिनसे इंसान  पहचान होती है || कार्यक्रम की शुरुआत देवी देवताओं के साथ करें एक बेहतरीन || समा बांधा जा सकता है इस तरीके से होंगे हरे भरे पेड़ों पर सूखी || डाली नहीं होती मुस्कुराते हो पर कभी गाली नहीं होती जो बंदा झुक || जाए प्रभु के चरणों में उसकी झोली कभी खाली नहीं होती    ||   पलके बिछाए पिंक कमाल ऐसी कि पल अपना बना अपनी अपना पूरा होना किसी के बगैर यह जिंदगी की हकीकत है दोस्तों मरता नहीं कोई किसी के बगैर इस जिंदगी की हकीकत है दोस्तों पर सांस लेने को जीना तो नहीं कहते अपनी बातों की वजन दारी कुछ इस तरीके से बात करें कोई माल में खुश है कोई सिर्फ दाल में खुश है कोई माल में खुश है कोई सिर्फ दाल में खुश है खुश नसीब है बोलो जो हर हाल में खुश है हर पल की वैल्यू बताते शायरी कुछ इस प्रकार से होगी किस हद तक जाना है कौन जानता है किस हद तक जाना है कौन जानता है किस मंजिल को पाना है कौन जानता है प्यार क...

गाय-भैंस के दूध बढ़ाने का मन्त्र, गाय भैंस का दूध बढ़ाने का मंत्र

गाय-भैंस के दूध बढ़ाने का मन्त्र 'ॐ ह्नीं करालिनि पुरुष सुखं मुजं ठं ठः ।' यह वोरभप्रोड्डीश तन्त्र का पंच दशाक्षर मन्त्र है। इसके विधिवत् प्रयोग से गाय और भैंस के दूध में वृद्धि होती है। गाय भैंस को जो भी घास-भूसादि खिलाना हो उसे उपरोक्त मन्त्र से १०८ बार अभिमन्त्रित करके उन्हें देने से दूध की मात्रा बढ़ जाती है ।

दशामाँ की स्तुति

                                                                दशामाँ की स्तुति जय जय जय दशामाँ । जय जय जय दशामाँ । तेरी स्तुति, भजन किर्तन जो श्रध्धा से गावै, सारे दुःख दुर हो पल में मन वांच्छित फल पावै, पुत्र रत्न देती बाँझिन को, निर्धन को धन देती, दुर्बल को बलवान करें, रोगी का रोग हर लेती । जय जय जय दशामाँ ! जय जय जय दशामाँ ! निशदिन ध्यान धरो मैया का सदा नाम का जाप करो, जन्म - जन्म के दुःख मिट जाएँ बिन प्रयास भव सिंधु तरो, जय जय जय दशामाँ ! जय जय जय दशामाँ ! Jay dashama

विद्या प्राप्ति के लिए विद्या प्राप्ति के लिए सरस्वती मंत्र

विद्या प्राप्ति के लिए 'ॐॐ नमः श्री श्री अहं वद बद बावादिनी भगवती सरस्वत्यं नमः स्वाहा विद्या देहि ममः हो सरस्वती स्वाहा । सूर्य या चन्द्र ग्रहण के दिन १४४ मन्त्र के जप से साधना का शुभारम्भ करना चाहिये। इसे २१ दिनों तक लगातार १०८ मन्त्र जप करके साधना में लगे रहें। इससे विद्या की प्राप्ति होती है।

तिजारी, इकतरा और आधासीसी (सिरदर्द) झाड़ने का मन्त्र

तिजारी, इकतरा और आधासीसी (सिरदर्द) झाड़ने का मन्त्र   'ॐ कामर देश कामक्षा देवी, तहाँ बसे इस्माईल जोगी । इस्माईल जोगी के तीन पुत्री, एक रोल, एक पक्षीले एक ताप तिजारी इकतरा अथवा आधा सीसी टोरे उतरे तो उतारो चढ़े तो मारो । ना उतरे तो गं गण मोर हंकारी । सबद सांचा, पिंड कांचा । फुरो मंत्र ईश्वरो वाचा उपरोक्त मंत्र का उच्चारण करते हुए मोर पंख से झाड़ना चाहिए। * आवश्यक सूचना * तन्त्र मन्त्र अपने कार्य की सिद्धि के लिये हैं, न कि उनसे अनु चित लाभ उठाया जावे। पुस्तक में बहुत से उपयोगी तन्त्र मन्त्र दिये गये हैं फिर भी हमारी उसकी कोई जिम्मेदारी नहीं है। जिस प्रकार कुआँ या तालाब जल पीने के लिये होता है न कि उसमे डब कर आत्महत्या की जावे या उससे किसी का अनिष्ट किया जावे। यह पुस्तक सर्व के कल्याण उपयों द्वारा किर भी कोई कुरी प्रकृति का गुण के लिये प्रकाशित की गई है किसी का अनिष्ट करे या और कोई अनुचित उपाय अपनाये तो उसमें हमारा क्या दोष है ? पुस्तके लिखिता विद्या सादरं यदि जप्यते, सिद्धिनं जायते तस्य कल्प कोटि शर्तेरी । गुरुं विनापिशास्त्रेऽस्मिन्नाधिकारः कथेचन् ।। अर्थ- जो व्यक्ति केवल पुस्तक...